2 मिनट में बनने वाली ‘Maggi’, पर महंगाई की मार, 1 जनवरी से हो सकती है महंगी, स्विट्जरलैंड के इस फैसले का असर
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2 मिनट में बनने वाली ‘Maggi’, पर महंगाई की मार, 1 जनवरी से हो सकती है महंगी, स्विट्जरलैंड के इस फैसले का असर

2 मिनट में बनने वाली मैगी महंगी हो सकती है. अगले साल जनवरी से मैगी की कीमत बढ़ सकती है. मैगी की कीमत में ये तेजी भारत-सिंगापुर के बीच रिश्तों में आई उस खटास के बात आई है. दरअसल स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ 1994 में हुए डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) किया था.

 2 मिनट में बनने वाली  ‘Maggi’, पर महंगाई की मार, 1 जनवरी से हो सकती है महंगी, स्विट्जरलैंड के इस फैसले का असर

Maggi Price: 2 मिनट में बनने वाली मैगी महंगी हो सकती है. अगले साल जनवरी से मैगी की कीमत बढ़ सकती है. मैगी की कीमत में ये तेजी भारत-सिंगापुर के बीच रिश्तों में आई उस खटास के बात आई है. दरअसल स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ 1994 में हुए डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) किया था. जिसके तहत मोस्ट-फेवर्ड-नेशन (MFN) क्लॉज को  1 जनवरी 2025 से सस्पेंड करने का फैसला किया है. बता दें कि इससे पहले साल 2022 में भी मैगी की कीमत में 2 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई थी. 

ऐसा होने पर 2 मिनट में बनने वाली आपकी मैगी महंगी हो जाएगी.  बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA)को तब तक लागू नहीं किया जा सकता, जब तक इसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत अधिसूचित नहीं किया जाता. कोर्ट के इस फैसले के बाद स्विस कंपनियों पर असर पड़ेगा. उन्हें अब डिविडेंड पर अधिक टैक्स चुकाना होगा. अगर कंपनियां ज्यादा टैक्स चुकाएंगी तो जाहिर सी बात है कि अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी कर देगी.  
 
महंगे हो जाएंगे स्विस कंपनियों के प्रोडक्ट्स
 

टैक्स में बढ़ोतरी का सीधा असर स्विस कंपनियों जैसे नेस्ले आदि की कमाई पर पड़ेगा. उनके उत्पाद महंगे हो सकते हैं, क्योंकि इन कंपनियों को भारतीय आय स्रोत से प्राप्त डिविडेंड पर 10% तक का टैक्स चुकाना पड़ सकता है, जो पहले कम था. भारतीय कोर्ट के फैसले पर स्विट्जरलैंड का कहना है कि भारत मे उन्हें उन बाकी देशों के बराबर लाभ नहीं दिया, जिसके साथ उसके अनुकूल कर समझौते हैं. इस बात से नाराज होकर स्विट्जरलैंड ने 2025 से मोस्ट-फेवर्ड-नेशन (MFN)  को खत्म करने का फैसला किया. स्विट्जरलैंड के इस फैसले से स्विस कंपनियों के उत्पाद महंगे हो सकते हैं.  
 
 

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